



“हिन्दू रक्षा मंच” ऐसा संगठन है जिसके कार्यकर्ताओं की प्रमाणिक कार्यशैली हिमाचल प्रदेश ही नहीं अपितु राष्ट्रीय स्तर पर भी विख्यात है। हिन्दू समाज में इस संगठन की स्वीकार्यता और व्यापकता गाँव-गाँव तक है जो हिमाचल प्रदेश में इसके कार्य को ठोस आधार प्रदान करता है। धीरे-धीरे अन्य प्रदेशों में भी यह कार्य और संगठन विस्तार कर रहा है।
इस दिशा में निरंतर चिंतन, मनन और समाज संग्रह करते हुए प्रदेश भर के अनेक कर्मठ एवं समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा के बाद भगवान नरसिंह के प्राकट्य दिवस बैसाख शुक्ल चतुर्दशी विक्रमी संवत् 2081 तदानुसार 21 मई, 2024 को “हिन्दू रक्षा मंच” की स्थापना की और प्रदेश भर में संगठन की टीमों का गठन आरंभ किया।
इसी बीच सितम्बर में अवैध मस्जिदों के विरुद्ध पूरे हिमाचल प्रदेश में एक बड़ा और उग्र आंदोलन खड़ा किया जिसका नेतृत्व प्रदेश भर में “हिन्दू रक्षा मंच” के अध्यक्ष श्री कमल गौतम और उनके संगठन की टीम ने सफलतापूर्वक किया जिसके अनुकूल परिणाम निकट भविष्य में देखने को मिले।
संगठन की बढ़ती हुई शक्ति और तेज गति से विस्तार एवं सर्वस्पर्शी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए कार्यकर्ताओं को संगठन के औपचारिक पंजीकरण की आवश्यकता अनुभव हुई जिसके परिणामस्वरूप संगठन के विधिवत पंजीकरण की प्रक्रिया आरंभ की गई और 1 जनवरी, 2025 को संगठन पंजीकृत हुआ।
जाति, भाषा और क्षेत्र के भेद मिटाकर सभी हिन्दुओं में एकता, समानता और सांस्कृतिक एकरूपता स्थापित करना।
प्राचीन भारतीय मूल्यों, आदर्शों और जीवन-दर्शन को पुनः जागृत कर आधुनिक युग में उनका पुनर्स्थापन करना।
देश की आवश्यकताओं की पूर्ति अपने संसाधनों, श्रम और तकनीक से कर आत्मगौरव और आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करना।
हम स्वावलंबन और रोजगार को बढ़ावा देकर ऐसा भारत बनाना चाहते हैं जहाँ हर व्यक्ति अपने कौशल और परिश्रम के बल पर आत्मनिर्भर बने।
राष्ट्र निर्माण में युवा अपनी ऊर्जा और कर्मठता से देश को प्रगति और सशक्तता की ओर अग्रसर करते हैं।
सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध जागरूकता से लोग भेदभाव, कुप्रथाओं और अन्याय के खिलाफ सचेत होकर समाज को स्वच्छ, समान और न्यायपूर्ण बना सकते हैं।
समाज में फैली छल-कपट की प्रवृत्तियों से युवतियों को सचेत और सुरक्षित रखने हेतु जनजागरूकता अभियान। परिवारों और युवाओं को शिक्षित कर सामाजिक सद्भाव, सम्मान और सुरक्षा की भावना को प्रोत्साहित करना।
हिंदू समाज की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक भूमि की सुरक्षा के लिए जनजागरण और कानूनी सहायता प्रदान करना। भूमि अधिग्रहण या अवैध कब्ज़े जैसी प्रवृत्तियों से समाज को सचेत कर सामाजिक न्याय और संतुलन बनाए रखना।
गौमाता भारतीय संस्कृति और जीवन का आधार हैं। हिंदू रक्षा मंच गौमाता की रक्षा, सेवा और संवर्धन को अपना नैतिक एवं धार्मिक कर्तव्य मानता है।
मंदिरों, तीर्थस्थलों और पवित्र स्थलों की रक्षा तथा प्राचीन परंपराओं के पुनरुत्थान के लिए कार्य। हिंदू संस्कृति, पर्व-त्योहारों और संस्कारों के प्रचार-प्रसार हेतु विशेष कार्यक्रम।
समाज में एकता, भाईचारा और आत्मसम्मान की भावना को बढ़ाने के लिए रैलियाँ, संगोष्ठियाँ और जनजागरण अभियान।
आपदा, महामारी या किसी भी सामाजिक संकट के समय पीड़ित परिवारों की सहायता करना — भोजन, स्वास्थ्य, राहत और शिक्षा संबंधी सेवाएँ उपलब्ध कराना।
